tag:blogger.com,1999:blog-761147824630124209.post4910011971623652487..comments2023-09-27T04:35:39.057-07:00Comments on अ-शब्द: ताकि गुजर न जाए गोधराAkhileshwar Pandeyhttp://www.blogger.com/profile/10881251799462130074noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-761147824630124209.post-8512313746549568232009-03-25T01:49:00.000-07:002009-03-25T01:49:00.000-07:00मरती है सदामरेगी भी सदाआदमीयतक्योंकि ठीक नहीं हैआ...मरती है सदा<BR/><BR/>मरेगी भी सदा<BR/><BR/>आदमीयत<BR/><BR/>क्योंकि ठीक नहीं है<BR/><BR/>आदमी की नीयत।अविनाश वाचस्पतिhttps://www.blogger.com/profile/05081322291051590431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-761147824630124209.post-9174725816519504042009-03-24T19:27:00.000-07:002009-03-24T19:27:00.000-07:00जब गोधरा काण्ड हुआ, तब मैं रतलाम मण्डल में था। गोघ...जब गोधरा काण्ड हुआ, तब मैं रतलाम मण्डल में था। गोघरा के पहले तक मेरा मण्डल था। साबारमती एक्स्प्रेस मेरे मण्डल से हो कर गुजरी थी। अगर यह काण्ड गुजरात के प्रारम्भ होते दाहोद या उसके आस-पास हुआ होता तो मुझे बहुत मशक्कत करनी पड़ती।<BR/><BR/>मैने वह जला कोच देखा था और मैं आसुरिक बर्बरता से गिनगिना गया था!Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-761147824630124209.post-7487226124873322992009-03-24T10:03:00.000-07:002009-03-24T10:03:00.000-07:00यह सब कुछ दिखेगा तभीजब जगेगा आपके अंदर का आदमीइसलि...यह सब कुछ दिखेगा तभी<BR/>जब जगेगा आपके अंदर का आदमी<BR/>इसलिए हो सके तो, जगने दीजिए <BR/>अंदर के आदमी को<BR/>जब भी ये आदमी जगेगा<BR/>तब कोई गोधरा गुजरेगा नहीं इस तरह।<BR/>bahut sunderMANVINDER BHIMBERhttps://www.blogger.com/profile/16503946466318772446noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-761147824630124209.post-3319355888992406512009-03-23T00:13:00.000-07:002009-03-23T00:13:00.000-07:00यह सब कुछ दिखेगा तभीजब जगेगा आपके अंदर का आदमीइसलि...यह सब कुछ दिखेगा तभी<BR/>जब जगेगा आपके अंदर का आदमी<BR/>इसलिए हो सके तो, जगने दीजिए <BR/>अंदर के आदमी को<BR/>जब भी ये आदमी जगेगा<BR/>तब कोई गोधरा गुजरेगा नहीं इस तरह।<BR/><BR/>samvedanshil rachna....ytharth se parichit karvati...bhot sundar abhivyakti...BDHAI...!!हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-761147824630124209.post-86908011148837602842009-03-22T20:19:00.000-07:002009-03-22T20:19:00.000-07:00गागर में सागर भरने का बहुत बढ़िया यत्न किया..यहां क...गागर में सागर भरने का बहुत बढ़िया यत्न किया..<BR/>यहां कहना बनता है<BR/>न लठ है न तलवार है...<BR/>अ-शब्द की बस एक तीखी धार है...Anonymousnoreply@blogger.com