मंगलवार, 31 मार्च 2009

मत जाना भूल, बन जाओगे अप्रैल फूल


आज पहली अप्रैल है, तो सतर्क रहिए, कहीं कोई आपको मूर्ख न बना दे। दोस्‍त-परिचित आपकी कमजोरियों से वाकिफ होते हैं, इसलिए छठी इंद्री को जगाकर रख्रिए। हर खबर सुनने के बाद सोचिए-विचारिए, उसके बाद ही खबर पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करें। इस बार युवाओं में खासा क्रेज है और मोबाइल इसमें भूमिका निभाएगा।

तनाव भरी जिंदगी में कुछ पल चा‍हिए हंसने-हंसाने के लिए और इसके लिए चाहिए एक अदद बहाना। अप्रैल फूल भी ऐसा ही बहाना है। इसे मनाने के लिए किसी ने फनी मैसेज खोज निकाला है तो किसी ने कोई बहाना।


दोस्‍तों एक बात अवश्‍य ध्‍यान में रखें। मजाक करें तो एक हद में। इसका भी ख्‍याल रखें कि जिससे मजाक किया जा रहा है, वह इसे किस तरह लेगा। कहीं ऐसा न हो आपका मजाक हादसे में बदल जाए और अप्रैल फूल से माहौल अप्रैल शॉक में बदल जाए। वेसे आपको बता दें कि ऐसा माना जाता है कि 1582 में फ्रांस से अप्रैल फूल मनाने की शुरुआत हुई। इसके बाद यह पहले यूरोप और फ‍िर दुनिया भर में मनाया जाने लगा। अप्रैल फूल मनाने के बारे में कोई सटीक तथ्‍य मौजूद नहीं है, लेकिन दुनिया भर के अखबार और टीवी चैनलों ने पहली अप्रैल को कोई न कोई ऐसी खबर प्रकाशित या प्रसारित कर अपने पाठको व दर्शकों को मूर्ख बनाया है, जिससे रोमांच और हंसी-खुशी का माहौल कायम हुआ है।


ऐसे भी बने थे लोग अप्रैल फूल


मोजा रगडिए और टीवी कलर - 1962 में स्‍वीडन में एक ही टीवी चैनल था। वह भी ब्‍लैक एंड व्‍हाइट कार्यक्रम प्रसारित करता था। पहली अप्रैल को एनाउंसर ने कहा कि नई टेक्‍नोलाजी का कमाल देख्रिए, अपने नाइलोन के मोजे को स्‍क्रीन पर रगडिए और आपका टीवी कलर हो जाएगा। हजारों लोगों ने उसकी बात पर विश्‍वास कर लिया, लेकिन बाद में बताया गया कि आज फर्स्‍ट अप्रैल है।


उड रही है पेंगुइन - वर्ष 2008 में पहली अप्रैल को बीबीसी ने समाचार दिया कि उसकी कैमरा टीम ने अपनी नेचुरल हिस्‍ट्री सीरिज मिराकिल आफ इवाल्‍यूशन के लिए हवा में उडती पेंगुइन को कैमरे में कैद किया है। इसकी बाकायदा वीडियो भी दिखाई गई। यह सबसे ज्‍यादा हिट पाने वाली वीडियो साबित हुई। बताया गया कि ये पेंगुइन हजारों मील दूर उडकर दक्षिण अमेरिका के वर्षा वाले जंगलों में जा रही है, जहां ये सर्दी के मौसम तक रहेंगी। बाद में एक वीडियो जारी कर स्‍पष्‍ट किया गया कि स्‍पेशल इफेक्‍ट के जरिए पेंगुइन को उडाया गया था।
उम्‍मीद है अब तक आप सारी बात समझ गए होंगे। इसलिए हो जाइये सावधान, क्‍योंकि आज है अप्रैल फूल दिवस।

3 टिप्‍पणियां:

  1. खबर दार करने के लिये आप का धन्यवाद

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  2. अरे मित्र - बीबीसी हिन्दी सर्विस ने भी कई बार धांसू खबरें दे कर वैशाखनन्दन बना रखा है पहली अप्रेल को! आपने उनकी याद दिला दी!

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