खुशखबरी।खुशखबरी।खुशखबरी। चांद मोहम्मद अपनी फिजां के पास लौट आए हैं यह कहते हुए कि उन्होंने जो कुछ भी अत्याचार किया वह किसी के दबाव में किया और वह आज भी अपनी फिजां से बेपनाह मोहब्बत करते हैं। मेरे ब्लागर साथियों मुझे जैसे ही यह खबर मिली मुझे लगा कि अब मुझे भी लौट आना चाहिए आप सभी के पास। अपनी ब्लाग्स की दुनिया में। पिछले दो सप्ताह आप सभी से दूर रहकर मैं बता नहीं सकता कि किस बेचैनी को मैंने जिया है। ब्लाग्स की दुनिया में क्या कुछ चल रहा है इस सबसे बेखबर था। काश मैं भी चांद मोहम्मद की तरह यह कह पाता कि मैंने जो कुछ भी किया किसी और के दबाव में किया। मैं बेकसूर हूं। हां यह जरुर कहूंगा और डंके की चोट पर कहूंगा कि इस दूरी ने ब्लागिंग के प्रति मेरी चाहत को और मजबूत बना दिया है।
अब बात खुशखबरी वाली...
दोस्तों यह मेरी 52वीं पोस्ट है। यानि, चार महीने में चिट़ठों का पचासा। शायद अप टू द मार्क नहीं है पर निराशाजनक भी नहीं है। नौकरी, परिवार, दोस्तों और खुद पर समय खर्च करने के बाद भी इतना समय चुराकर ब्लागिंग कर लेने को मैं अपने लिए बडी उपलब्धि मानता हूं। सीनियर्स व नये ब्लार्ग्स साथियों से काफी कुछ सीखने को मिल रहा है। कई अच्छे और आवश्यक मुद़ों पर चर्चा होती रही है। निश्चित ही ब्लागिंग का भविष्य अंधकारमय नहीं है। बल्कि यह तो संभावनाओं से भरा माध्यम है। उम्मीद है, आगे भी मेरी यह यात्रा अनवरत चलती रहेगी और आप सभी का स्नेह, प्यार और मार्गदर्शन मिलता रहेगा।
चलो, उनकी जाने दो ..आप लौट आये यह अच्छा रहा और वो भी अर्ध शतक के साथ तो बधाई. शुभकामनाऐं हैं कि नियमित लिखें और जल्द सैकड़े की सूचना दें.
जवाब देंहटाएंबधाई और शुभकामनायें.
जवाब देंहटाएंबधाई.. स्ट्राईक रेट २०-२० का न सही.. पर वन डे के लिये पर्याप्त है...
जवाब देंहटाएंachha achha aap blogging kee baat kar rahe the mujhe to laga ki gaya tha to ek chaand tha waapas fiza ke paas laute do ...
जवाब देंहटाएंaur haan pachaas post kee badhai...
बधाई। जमाये रहिये!
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