दोस्तों जमशेदपुर में कल से ही हलकी-हलकी बारिश हो रही है। मौसम काफी सुहाना सा हो रहा है। मेरे मन में एक भींगा-भींगा सा ख्याल आ रहा है- मंहगाई ने आग लगा रखा ज़माने में, अब कुछ रखा नहीं कमाने में.
बाबा कमाओ गे नही तो नेट केसे चलेगा, नेट नही चलेगा तो , लेख केसे लिखोगे, लेख नही लिखोगे तो टिपण्णी केसे पाऒगे, यानि चलो पहले कमाई करो, ओर इस महंगाई की आग से हाथ सेंके ओर मजा ले. राम राम
ख्याल कुछ ज्यादा ही भीग गया है। सुखा लिया जाये। इतना नैराश्य भी ठीक नहीं!
जवाब देंहटाएंहौसला बढ़ाने के लिए शुक्रिया पांडेय जी. वरना मंहगाई के कारण समाज में ऐसे लोगों की भी भारी कमी हो गयी है.
जवाब देंहटाएंबाबा कमाओ गे नही तो नेट केसे चलेगा, नेट नही चलेगा तो , लेख केसे लिखोगे, लेख नही लिखोगे तो टिपण्णी केसे पाऒगे, यानि चलो पहले कमाई करो, ओर इस महंगाई की आग से हाथ सेंके ओर मजा ले. राम राम
जवाब देंहटाएंthanks bhatiya jee.
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