रविवार, 12 अप्रैल 2009

बिन मांगे बीवी मिले, मांगे मिले न भीख

मानो या न मानो। है सत्‍य घटना। यूपी के बागपत जिले में पिछले दिनों हुआ यह अजीब वाकया। मुजफ़फरनगर जिले के गांव बिराल का एक फकीर जिसका नाम धनराज है भीख मांगते-मांगते एक दिन पहुंचा बागपत जिले के गांव लुहारी में। एक दर पर भीख दे दो की रट लगाते-लगाते काफी देर हो चुकी थी पर कोई रेस्‍पांस नहीं मिल रहा था। निराश होकर वह वहां से निकलने ही वाला था कि उस घर से एक लगभग 65 वर्षीया महिला निकली और भीख देने के बजाय उसे भौंचक देखती रह गयी। तुरंत ही वह महिला मेरे प्राणनाथ आ गए कहते हुए उस फकीर के पैरों पर गिर पडी। और फ‍िर झट से उसे खींचते हुए घर के अंदर ले गयी। फकीर हैरान-परेशान था कि न जाने यह हो क्‍या रहा है। घर के अंदर दाखिल होते ही लगभग तीस वर्षीया एक युवती ने उसे देखते ही पिता कहकर पुकारना शुरु कर दिया। उस अधेड महिला ने भी उस पर कई सवाल दागे। मसलन, तीस साल पहले तुम हमलोगों को छोडकर कहां और क्‍यों चले गए थे।

अब तक फकीर धनराज को थोडी-थोडी बात समझ में आने लगी थी। उसने सफाई पेश की- देखिये आपलोगों को जरुर कोई लगतफहमी हो रही है। मैं मुजफ़फरनगर जिले के कांधला क्षेत्र के गांव बिराल का बीवी-बच्‍चे वाला आदमी हूं। आपलोगों से भला मेरा क्‍या लेना-देना। पर धनराज की इस सफाई का उन मां-बेटी पर कुछ असर नहीं हुआ। उनदोनों ने यह कहते हुए कि इतने सालों बाद लौटे हो, अब तुम्‍हें कहीं न जाने देंगें, घर में कैद कर लिया। धनराज की मुश्किलें बढ गयीं। वह परेशान हो उठा। खैर किसी तरह दो दिनों बाद वह वहां से निकल भागा। लेकिन यह क्‍या, वह जैसे ही अपने घर पहुंचा। दोनों मां-बेटी वहां भी पंचायत लेकर पहुंच गयीं। पंचायत के सामने भी मुश्किल खडी हो गयी कि आखिर वह फैसला किसके हक में करे। पंचायत ने यह तर्क दिया कि एक 65 वर्ष की महिला का कोई 35 वर्ष का युवक पति कैसे हो सकता है। पर वह महिला किसी भी तर्क को सुनने को तैयार नहीं थी। वह तो अपने तीस साल बाद मिले पति को अपने साथ ले जाने पर अडिग थी। अब मामला पुलिस के पास पहुंच चुका है। पर पुलिस भी हैरत में है कि आखिरकार वह इस मसले को कैसे सुलझाये।

क्‍या आपके पास कोई उपाय है इस मसले को सुलझाने के लिए।

4 टिप्‍पणियां:

  1. क्‍या आपके पास कोई उपाय है इस मसले को सुलझाने के लिए।
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    पैंसठ साला महिला के पास रोकड़ा कितना है? :-)

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  2. बड़ी रोचक दास्तान है। पर ऐसा तो अक्सर होता है। जब भी कोई व्यक्ति घर से भाग लेता है तो उसे साधु या फकीर के वेष में ही तलाशा जाता है।

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  3. अभी बीच में मैने कहीं पढा था कि कुछ भिखारियों के पास काफ़ी काफ़ी पैसा जमा हो जाता है। ऐसे कई केस सामने आये हैं जिसमें लावारिस भिखारी की लाश से लाखों रुपये बरामद हुये हैं।

    हो सकता है कि ये आपके "धनराज" भी अपने नामारुप ही हों, अर्थात उन्होने भी भीख माँग माँग कर काफ़ी धन जोड़ लिया हो, और जिसकी भनक उस महिला को लग गई हो।

    अब बाकी की कहानी आप ही पुरी कर लीजिये। क्यों कहानी में यह एंगल फ़िट बैठता है कि नहीं?? :)

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