बुधवार, 4 मार्च 2009

दुखद - यादवेंद्र शर्मा चंद्र नहीं रहे


प्रख्‍यात साहित्‍यकार यादवेंद्र शर्मा चंद्र का बुधवार को जयपुर में निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार थे। 77 वर्षीय चंद्र अपने पीछे पत्‍नी और तीन बेटे छोड गए हैं।
चंद्र ने अपनी रचनाओं से समाज को नई दिशा देने का काम किया। उनकी रचनाएं पाठकों के मन पर अमिट छाप छोडती हैं। आजीवन सादगी एवं इमानदारी से रहते हुए उन्‍होंने अपने रचनाधर्म से देश का मान बढाया। कई पुरस्‍कारों से सम्‍मानित चंद्र ने उपन्‍यास, लघु कथाएं, कविता संग्रह एवं लघु नाटकों की सौ से ज्‍यादा पुस्‍तकों की रचना कर हिंदी सहित्‍य में अहम भूमिका निभाई। उनका निधन हिंदी साहित्‍य के लिए अपूरणीय क्षति है। आइए उनके निधन पर संवेदना प्रकट करें।

2 टिप्‍पणियां:

  1. ईश्वर दिवंगत आत्मा को शान्ति व सद्गति प्रदान करें।

    परिवार के प्रति हमारी संवेदनाएँ।

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  2. bahut hi dukhdaayi khabar hai...we apni rachnaon me jindaa rahenge...

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