वह पागलों की तरह खुद को
कभी हिंदू तो कभी मुसलमान कहकर
चिल्ला रहा था,
कभी हिंदू तो कभी मुसलमान कहकर
चिल्ला रहा था,
जाहिर है
उसके सोचने के बारे में
भला हम क्या सोच सकते थे
हमने उसकी ओर गौर से देखा,
पर पहचानना मुश्किल था
बावजूद इसके कि
वह आया हमीं में से था।
एक दिन सुबह वह
जवाब देंहटाएंअपनी उत्पति के बारे में जानने की
खुनी और रुहानी जल्दबाजी में पाया गया,
वह पागलों की तरह खुद को
कभी हिंदू तो कभी मुसलमान कहकर
चिल्ला रहा था,
जाहिर है
उसके सोचने के बारे में
भला हम क्या सोच सकते थे
हमने उसकी ओर गौर से देखा,
पर पहचानना मुश्किल था
बावजूद इसके कि
वह आया हमीं में से था।....Waah..!bhot sunder abhivyakti...!!